अधेड़ अवस्था तक फिट रहें महिलाएं तो बचेंगी डिमेंशिया से
सेहतराग टीम
डिमेंशिया यानी उम्र बढ़ने के साथ याद्दाश्त के साथ छोड़ते जाने की बीमारी। भारत में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं में भी ये बीमारी तेजी से घर बनाने लगी है। मगर अब एक अच्छी खबर है। एक अध्ययन से साबित हुआ है कि ऐसी महिलाएं जो अधेड़ावस्था में शारीरिक रूप से फिट रहती हैं उनमें उम्र बढ़ने के साथ भूलने की बीमारी की आशंका 90 प्रतिशत तक कम हो जाती है।
कहां प्रकाशित हुआ अध्ययन
न्यूरोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के नतीजों के अनुसार ऐसी महिलाएं जो अधेड़ावस्था में अपनी फिटनेस को लेकर ज्यादा सतर्क रहती हैं उनमें डिमेंशिया की बीमारी कम से कम 11 साल पीछे खिसक जाती है।
शोधकर्ताओं का दावा है कि कम फिटनेस की स्थिति में महिलाओं को 79 की उम्र में इसका सामना करना पड़ता है जबकि सेहत के प्रति जागरूक महिलाओं को 90 वर्ष की अवस्था में इससे जूझना पड़ता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
स्वीडन में गुटेनबर्ग विश्वविद्यालय की हेलेना होर्डर ने कहा कि ये नतीजे बेहद उत्साहजनक हैं क्योंकि अधेड़ावस्था में फिटनेस पर ध्यान देने से डिमेंशिया बीमारी के बढ़ने की रफ्तार कम हो सकती है या इसमें देरी हो सकती है।
हालांकि होर्डर ने यह भी कहा कि अभी और अध्ययन किए जाने की जरूरत है ताकि देखा जा सके कि तंदुरूस्ती से डिमेंशिया के खतरे पर कितना सकारात्मक असर पड़ता है।
इस अध्ययन के निहितार्थ गहरे हैं। अब इस बात पर भी शोध का काम आगे बढ़ सकता है क्या यही नतीजे पुरुषों के बारे में भी निकाले जा सकते हैं क्योंकि पूरी दुनिया में बुजुर्गों के लिए डिमेंशिया एक बड़ी बीमारी बनकर सामने आया है। सेहतराग में हम डिमेंशिया के बारे में पहले भी जानकारी दे चुके हैं। नीचे दिए गए लिंक पर आप सेहतराग की डिमेंशिया से जुड़े पुराने आलेख देख सकते हैं।
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